प्रस्तुत पाठ में भी हरिहर काका नाम का एक व्यक्ति है, जिसकी अपनी कोई संतान नहीं है परन्तु उसके पास पंद्रह बीघे जमीन है और वही जमीन उसकी जान की आफत बन जाती है अंत में उसी जमीन के कारण उसे सुरक्षा भी मिलती है। लेखक इस पाठ के जरिए समाज में हो रहे नकारात्मक बदलाव से हमें अवगत करवाना चाहता है कि आज का मनुष्य कितना स्वार्थी मनोवृति का हो गया है…..